मई २०१९ में शकुन्तला देवी के जीवन कहानी पर आधारित एक फिल्म की घोषणा की गई थी. शकुन्तला देवी शीर्षक फिल्म में विद्या बालन मुख्य भूमिका में हैं और इसमें सान्या मल्होत्रा, अमित साध, और जीशु सेनगुप्ता हैं। यह सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स प्रोडक्शंस और विक्रम मल्होत्रा द्वारा निर्मित है। फिल्म की रिलीज़ की तारीख शुरू में 8 मई 2020 के लिए नियोजित की गई थी, लेकिन COVID-19 महामारी के कारण, फिल्म पूरी तरह से रिलीज़ होने के बजाय अमेज़न प्राइम वीडियो पर दुनिया भर में प्रदर्शित होगी।
शकुंतला देवी जीवन परिचय
नाम | शकुंतला देवी |
विख्यात नाम | मानव कंप्यूटर |
जन्म | 4 नवंबर 1929 |
मृत्यु | 21 अप्रैल 2013 |
आयु | 85 |
जन्म स्थान | बेंगलुरु कर्नाटका |
नागरिकता | भारतीय |
जाति (Caste) | कन्नड़ ब्राह्मण |
शिक्षा | रेगुलर शिक्षा नहीं ली |
काम | लेखिका एवं गणितज्ञ |
वैवाहिक स्थिती | तलाकशुदा |
विवाह तिथी | – |
पति का नाम | परितोष बनर्जी |
बेटी का नाम | अनुपमा बेनर्जी |
सबको प्रेरणा देती इस महिला के जीवन पर बनी है बॉलीवुड़ फिल्म
क्या होगा अगर कोई इंसानी दिमाग कैलकुलेटर से भी अधिक तेज़ी से काम करने लग जाए। किसी भी संख्या को जोड़ घटा और गुणा भाग कैलकुलेटर की भांति सैकेंडो में करने लगे। यह सब सुनने में अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है, भारत में एक ऐसी महिला थी जिसके पास कैलकुलेटर की भांति काफी तेज़ी से गणना करने की क्षमता थी। इस अद्भुत प्रतिभा को आप बॉलीवुड की फिल्म शकंतला देवी में विद्या बालान के रुप में देख सकते है।
बचपन में ही छोड़ दी थी पढ़ाई
शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर 1929 को बैंगलूरू में एक धार्मिक कन्नड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। शकुंतला देवी बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता धार्मिक परंपरा मुताबिक मंदिर के पुजारी नहीं बनना चाहते थे, इसलिए शकुंतला देवी के पिता सर्कस में काम करने लगे थे। शकुंतला देवी ने बचपन में ही स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी थी, क्योंकि उनके पिता उस वक़्त सर्कस में काम करने के दौरान 2 रुपये की फीस नहीं चुका पा रहे थे। इसलिए शकुंतला देवी औपचारिक शिक्षा भी नहीं ग्रहण कर पाई थीं। क्योंकि लोगों को सर्कस दिखाकर परिवार का खर्च चलाना ही बेहद मुश्किल हुआ करता था।
इस कारण शकुंतला देवी पर फिल्म बनाई गयी
शकुंतला देवी के पिता 3 साल की उम्र में अपनी बेटी के साथ कार्ड खेल रहे थे, जिस वक़्त शकुंतला देवी ने अपने पिता को ताश खेलते समय कई बार हराया था। तभी उनके पिता को अपनी बेटी की अद्भुत गणना क्षमता का स्मरण हुआ, जिसे देख उनके पिता दंग रह गए थे। फिर उनके पिता ने सर्कस छोड़ शकुंतला देवी पर सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करना शुरू कर दिया था, जिसमें लोग शकुंतला देवी से गणित के सवाल पूछते और वो सेकेंडों में पलक झपकते हल कर देती थीं। इसके अलावा शकुंतला देवी छोटी सी उम्र में ही बच्चों को भी गणित पढ़ाया करती थी।
6 साल की उम्र में मैसूर विश्विद्यालय में दिखाया प्रदर्शन
शकुंतला देवी ने महज़ 6 साल की उम्र में बिना औपचारिक शिक्षा के बावज़ूद भी पहली बार मैसूर विश्विद्यालय में अपनी गणना क्षमता का प्रदर्शन किया था। यहीं से उन्हें धीरे - धीरे फेम मिलना शुरू हुआ हो गया था। शकुंतला देवी को जटिल गणितीय समस्याओं को सुलझाने की प्रतिभा स्वाभाविक तौर पर हासिल हुई थी। शकुंतला देवी ने छोटी उम्र से ही बड़ी से बड़ी संख्या का सेकेंडों में गुणा, भाग, घटाना और जोड़ना इत्यादि शुरू कर दिया था। शकुंतला देवी जब गुणा, भाग मुंह जुबानी करती थी तो सभी लोग देखकर चकित हो जाते थे। कुछ समय तक शकुंतला देवी का सिलसिला यूं ही जारी रहा । लेकिन शकुंतला देवी तब दुनिया की नज़रों में आ गई, जब बीबीसी रेडियो के एक कार्यक्रम के दौरान इनसे अंकगणित का एक जटिल सवाल पूछा गया था। शकुंतला देवी ने जिसका जवाब कुछ सेकंडों में ही दे दिया था। शकुंतला देवी कैसी भी जटिल गणितीय समस्याओं को सुलझाने में निपुण थीं।
विदेश जाने का मिला मौका .
शकुंतला देवी को मानसिक गणित के सवालों को हल करने का मौका विदेशों में भी मिला, इस दौरान शकुंतला देवी ने कई कठिन घनमूल और वर्गमूल जैसी गणनाओं को पलक झपकते ही बता दिया। लेकिन कई बार शकुंतला देवी के टैलेंट को परखने के लिए उनकी परीक्षा भी ली गई, जिस दौरान उनसे बेहद ही कठिन गणना करवाई जाती थी, लेकिन शकुंतला देवी इस परीक्षा में बड़े ही आसान तरीके से पास हो जाती थी। वो कठिन से कठिन सवाल को भी कुछ सैकेंड्स में ही हल कर अपनी प्रतिभा को दुनिया के समझ रख देती थी। धीरे-धीरे, कुछ सालों में शकुंतला देवी की स्मरण शक्ति और कैलकुलेटिंग स्किल मजबूत होती चली जा रही थी।
शादी के लगभग 19 साल बाद हुआ तलाक
भारत लौटने के बाद शकुंतला देवी के पिता ने साल 1960 में कोलकाता के एक बंगाली आईएएस अधिकारी परितोष बनर्जी से शादी करवा दी। लेकिन इनकी शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी। शादी के करीब 19 साल बाद किसी कारणवश वो अपने पति से अलग हो गई थीं। वहीं शादी के बाद उन की एक बेटी भी हुई थी, जिसके बाद शकुंतला देवी पति से तलाक लेने के बाद अपनी बेटी को साथ लिए बेंगलुरु लौट आईं थीं। यहां आने के बाद वो सेलिब्रिटीज और राजनीतिज्ञों को ज्योतिष का परामर्श देने लगीं। शकुंतला देवी न सिर्फ एक प्रसिद्ध गणितज्ञ थी, बल्कि वे एक बेहतरीन लेखिका भी थीं। उन्होंने न सिर्फ होमोसेक्सुएलिटी के मुद्दे पर किताबें लिखीं बल्कि साथ ही उन्होंने ज्योतिष शास्त्र पर कई किताबें लिखीं जैसे द 'जॉय ऑफ नंबर्स’, ‘एस्ट्रोलॉजी फॉर यू’ इत्यादि।
शकुंतला देवी को महान गणितज्ञ के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से नवाज़ा गया था, इसके अलावा बीबीसी न्यूज द्वारा मानव कंप्यूटर की उपाधि दी गई थी। शकुंतला देवी की तबियत धीरे - धीरे ख़राब होने लगी थी, और हृदय रोग की वजह से 21 अप्रैल, 2013 को बेंगलुरु (कर्नाटक) में 83 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया था। वहीं अब शकुंतला देवी की ज़िन्दगी पर फिल्म बनायी जा रही है, जिसमें बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन अहम भूमिका निभाती हुई नज़र आएंगी।
जिंदगी से हारे हुए लोगों के लिए शकुंतला देवी की कहानी हमारे लिए प्रेरणादायक हैं, जिन्होंने अपनी काबिलियत के बल पर बिना औपचारिक शिक्षा ग्रहण किए विदेशों में लहराया अपना परचम। शकुंतला देवी का कहना था कि गणित के बिना हम कुछ नहीं कर सकते, हमारे चारों तरफ गणित है और सभी कुछ नंबर में है।